धनखड़ बोले पेट खराब है, खड़गे बोले दाल! अब किसकी बात में नमक है?

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल उठाकर राजनीतिक पारा गर्मा दिया है।
खड़गे ने मीडिया के सामने साफ कहा, “सरकार को जनता को बताना चाहिए कि आखिर इस्तीफे के पीछे का असली राज क्या है? हम तो कहेंगे, इसमें कुछ तो गड़बड़ है गोविंद!”

इस्तीफा स्वास्थ्य के नाम पर, पर खड़गे को शक़ क्यों?

धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा कि वो “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता” देना चाहते हैं।
खड़गे को यह तर्क कुछ हज़म नहीं हुआ। उनका दावा है कि

“धनखड़ साहब का स्वास्थ्य बिलकुल ठीक है। वो इतनी एनर्जी से बीजेपी और RSS का बचाव करते हैं, जितना शायद संघ वाले भी न करें।”

RSS और BJP से ‘अतिप्रेम’ की जांच हो?

खड़गे के मुताबिक, धनखड़ जी का बीजेपी प्रेम इतना तीव्र था कि वो कभी-कभी विपक्षी सांसदों को डांटते-डांटते मोदी मंत्र पढ़ने लगते थे।
अब जब उन्होंने इस्तीफा दिया, तो विपक्ष को लग रहा है कि मामला सिर्फ स्वास्थ्य का नहीं है, शायद “स्वास्थ्य से परे सत्ता-संतुलन का मसला है।”

सियासी रंगमंच पर नया ड्रामा शुरू?

जहां सरकार चुप है, वहीं विपक्ष बोल-बोल के सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े कर रहा है। क्या वाकई इस्तीफा हेल्थ के नाम पर है, या अंदरखाने कुछ चल रहा है?

कुछ सूत्र कह रहे हैं कि नया मिशन शुरू हो सकता है — “धनखड़ 2.0: लोकसभा में एंट्री की तैयारी?”

“जिसे पाचन शक्ति का बहाना कहें, उसे राजनीति की उल्टी मत समझिए!”

सच क्या है, ये समय बताएगा। पर फिलहाल तो सियासी गलियारों में केवल एक ही चर्चा है — “धनखड़ क्यों गए?” और “खड़गे क्यों मचाए हंगामा?”

धनखड़ जी गए! अब कौन बनेगा उपराष्ट्रपति? EC ने शुरू की तैयारी

Related posts

Leave a Comment